हल्बा समाज भवन मे समिति के संस्थापक स्व बंगाली प्रसाद ताम्रकर की जयंती पर उनके सुपुत्र सुशील कुमार ताम्रकर के सौजन्य से साहित्यिक समारोह आयोजित किया गया।

भास्कर न्यूज24/वीरेन्द्र भारद्वाज/दल्लीराजहरा। हस्ताक्षर साहित्य समिति दल्ली राजहरा के तत्वावधान मे 27 अगस्त को हल्बा समाज भवन मे समिति के संस्थापक स्व बंगाली प्रसाद ताम्रकर की जयंती पर उनके सुपुत्र सुशील कुमार ताम्रकर के सौजन्य से साहित्यिक समारोह आयोजित किया गया । इस पावन अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार संतोष ठाकुर ‘सरल’ द्वारा रचित पुस्तक ‘मेरा देश महान’ का विमोचन मुख्य अतिथि शास. महाविद्यालय खेरथा के सहायक प्राध्यापक ( हिन्दी) रूमलाल भुआर्य एवं उपस्थित अन्य अतिथियों के करकमलों से किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की पूजा अर्चना कर किया गया । सरस्वती वंदना समिति के वरिष्ठ साहित्यकार गोविन्द कुट्टी पणिकर ने प्रस्तुत की। स्वागत भाषण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हस्ताक्षर साहित्य समिति के अध्यक्ष संतोष ठाकुर ने दिया एवं स्वरचित पुस्तक के संदर्भ मे जानकारियां दी एवं मार्मिक कविता का पाठ किया। साहित्य के क्षेत्र मे उल्लेखनीय योगदान के लिए वरिष्ठ साहित्यकार ज्ञानेन्द्र सिंह, नारायण राव एवं घनश्याम पारकर को *हस्ताक्षर साहित्य सम्मान* से सम्मानित किया गया । सुशील कुमार ताम्रकर ने समिति के संस्थापक स्व. बंगाली प्रसाद ताम्रकर के जीवन पर प्रकाश डाला । विशेष अतिथि के आसंदी पर बिलासपुर से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार उमाशंकर मिश्र, वरिष्ठ साहित्यकार मोहनलाल चतुर्वेदी गुरुर, शिरोमणी माथुर दल्ली राजहरा, कन्हैया लाल बारले ग्राम कोचेरा, देव जोशी संबलपुर, जे आर महिलांगे दल्ली राजहरा एवं देवनारायण नगरिहा विराजमान रहे। मुख्य अतिथि रूमलाल भुआर्य ने साहित्य के अर्थ पर प्रकाश डाला । उन्होंने ने बताया कि साहित्य समाज का दर्पण होता है , एवं लोकभावना का प्रतिनिधित्व करता है। साहित्य देशकाल के अनुरूप परिष्कृत होता है। विशेष अतिथि मोहनलाल चतुर्वेदी ने जीवन मे साहित्य के महत्व को बताया एवं छत्तीसगढ़ी मे रचना पाठ किया- *नइ पूछय बहू बेटा नइ पूछय भाई* ।
*आखरी मा जिनगी बर कर लेव भलाई* शिरोमणी माथुर ने संतोष ठाकुर द्वारा रचित पुस्तक का प्रशंसा करती हुई शुभकामनाएं दी। वरिष्ठ साहित्यकार जे आर महिलांगे ने बंगाली प्रसाद ताम्रकर के जयंती पर कहा कि यह दिन साहित्य समिति के लिए पावन दिन है, स्मृति का दिन है क्योंकि उन्होंने दल्ली राजहरा मे साहित्य का बीज बोया जो आज पल्लवित एवं पुष्पित होकर वृक्ष का रूप धारण कर लिया है। विशेष अतिथि उमाशंकर मिश्र ने बंगाली प्रसाद ताम्रकार के साथ बिताए पल याद करते हुए कहां साहित्य को जिन्दा रखने के लिए ऐसे आयोजनों का होना जरूरी है। युवा कवि देवकुमार जोशी ने ” हमर छाती म आगी लगाय रेहेस ” नामक पर्यावरण पर सुन्दर गीत प्रस्तुत किया जिसे लोगों ने बहुत सराहा । कन्हैया लाल बारले एवं देवनारायण नगरिहा ने भी सुन्दर रचना प्रस्तुत किये । कार्यक्रम का संचालन अमित दुबे ‘प्रखर’ एवं गोविन्द कुट्टी पणिक्कर ने किया तथा आभार प्रदर्शन घनश्याम पारकर ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से साहित्यकार अमित सिन्हा, शोभा बेंजामिन, कामता प्रसाद देशललहरा, पियूष दत्ता, संतोष घराना, छत्तीसगढ़ समन्वय समिति महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष ममता घराना, सचिव रेखा पारकर, निषाद समाज दल्ली राजहरा के उपाध्यक्ष गोपी राम निषाद, इन्टक अध्यक्ष तिलक मानकर, हल्बा समाज दल्ली राजहरा के सचिव संतोष घराना, पूरन भंडारी, मंजू ताम्रकार, ॠषि ताम्रकार, अरूण ताम्रकार, प्रतिभा ताम्रकार, गैन्दलाल कोरटिया , गोपाल रावटे, पुजारी बालीराम एवं अनेकों साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति रही ।