खेरथा काॅलेज में हुआ दीक्षारंभ समारोह- नए छात्रों का हुआ स्वागत, नई शिक्षानीति व इंडेक्श कार्यक्रम की दी गई जानकारी।

भास्कर न्यूज 24/ देवरीबंगला-।
शासकीय महाविद्यालय खेरथा में दीक्षा आरंभ समारोह का आयोजन किया गया जिसमें नवप्रवेशी विद्ययार्थियों का स्वागत तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संबध में बताया गया। संस्था के प्राचार्य डॉ. यासर कुरैशी ने जानकारी दी की नई शिक्षा निति के अंर्तगत 03/04 वर्षीय बहु-संकायी स्नातक पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है। सभी पाठ्यक्रम का अंक छात्रों रिकार्ड में जुड़ेंगे वे अपने विषय के साथ अन्य विषय का चुनाव भी कर सकते हैं जो उनके रिकार्ड में अतिरिक्त योग्यता के रूप में जुड़ेंगे। स्नातक पाठ्यक्रम को विद्यार्थी अधिकतम 7 वर्ष में पूर्ण कर सकेंगे। पाठ्यक्रम अवधि में बहु-प्रवेश, बहु-निकास प्रावधान के अंतर्गत प्रथम वर्ष पूर्ण करने पर सर्टिफिकेट, दो वर्ष में डिप्लोमा तथा अंतिम वर्ष पूर्ण करने पर स्नातक की उपाधि दिया जायेगा। जिन्हे विषय विशेषज्ञता प्राप्त करने की इच्छा हो वे छात्र स्नातक के पश्चात चौथे वर्ष की शिक्षा लेकर आनर्स/आनर्स विथ रिसर्च की उपाधि प्राप्त कर सकते हैं। इस नीति के अंतर्गत बहु विषयक शिक्षा, वैचारिक समझ एवं आलोचनात्मक सोच, नैतिक मूल्यों के साथ कौशल विकास को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। सतत आंतरिक मुल्यांकन में 30 प्रतिशत एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा में 70 प्रतिशत अंको का प्रावधान रखा गया है। विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए दोनो मिलाकर कुल 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। जेनेरिक एलेक्टिव के अंतर्गत कला/विज्ञान/वाणिज्य संकाय के विद्यार्थी अपने संकाय के अतिरिक्त अन्य संकाय के किसी एक विषय को अपनी इच्छानुसार ले सकता है। उन्होने बताया कि आॅनलाईन प्लेटफार्म स्वयं व मूक में उपलब्ध पाठ्यक्रमों से भी विषय से संबधित पढ़ाई कर सकते हैं। स्वाध्यायी छात्रों को भी समयबद्ध नामांकन तथा सतत मुल्यांकन द्वारा शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था इस नीति के अंतर्गत की गई है।
समारोह के मुख्य अतिथि जिला भाजपा महामंत्री चेमन देशमुख अपने संबोधन में कहा कि पुरानी शिक्षा नीति अंग्रेज लाॅर्ड मैकाले की सोच थी जिसमें ’अधोगामी निस्पंदन का सिद्धांत’ था जिसके तहत भारत के उच्च तथा मध्यम वर्ग के एक छोटे से हिस्से को शिक्षित करना था ताकि एक ऐसा वर्ग तैयार हो जो रंग और खून से भारतीय हो लेकिन विचारों, नैतिकता तथा बुद्धिमत्ता में ब्रिटिश हो। लेकिन नई शिक्षा नीति सभी वर्गों को समान अवसर प्रादान करने के साथ ही उनकी योग्यता को बढ़ाने वाला है जिसमें नैतिक व वैचारिक शिक्षा भी शामिल है। नई शिक्षा नीति बहु आयामी होने के साथ ही रोजगार के नए अवसर प्रदान करनी वाली है, जिसमें विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ कौशल विकास का भी अवसर प्राप्त होगा। उन्होने छात्रों से कहा की वे पूरी ईमानदारी से नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण करें। समारोह को जनपद उपाध्यक्ष पोषण बनपेला, पूर्व जनभागीदारी अध्यक्ष हरीश कटझरे, विवेक वैष्णव ने भी संबोधित किया तथा नवप्रवेशी छात्रों को शुभकामानाएं दी।