अनुसूचितजाति,जनजाति,श्रमिक संगठन,सामाजिक संगठन , कांग्रेस जन एवं अंबेडकर अनुयायियों के द्वारा वीरनारायण चौक से लेकर जैन भवन चौक तक रैली निकाली एवम् गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया।

भास्कर न्यूज़ 24 /वीरेंद्र भारद्वाज/ दल्ली राजहरा।
22 दिसंबर को संध्या 4 बजे अनुसूचितजाति,जनजाति,श्रमिक संगठन,सामाजिक संगठन , कांग्रेस जन एवं अंबेडकर अनुयायियों के द्वारा वीरनारायण चौक से लेकर जैन भवन चौक तक रैली निकली गई ।जैन भवन चौक में प्रमुख वक्ता पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर , नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष शिबू नायर , सीटू यूनियन के सचिव प्रकाश सिंह क्षत्रि,श्रीमती सुनीता अजगले,विधायक प्रतिनिधि रतिराम कोसमा ने अपने विचार रखे। उद्यबोधन के पश्चात गृह मंत्री अमित शाह का पुतला दहन कर रोष व्यक्त किया। ज्ञात हो की शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान के 75 वर्ष के गौरवशाली मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा उच्च सदन राज्यसभा में विश्व भूषण भारत रत्न भारतीय संविधान रचयिता,आधुनिक भारत के निर्माता ,संपूर्ण विश्व में प्रख्यात ,देश के करोड़ों दलित, शोषित, पीड़ित ,उत्पीड़ित,महिलाओं, मजदूरों, किसानों,छात्र छात्राओं अनुसूचित जाति ,जन जाति, पिछड़े वर्गों,धार्मिक अल्प संख्यको के मसीहा ,बुद्धिजीवियों के चिंतन की धारा,परम पूज्य बोधिसत्व डॉ बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के बारे में यह कहना कि आंबेडकर आंबेडकर आंबेडकर आंबेडकर यह फैशन हो गया है,इतने बार भगवान का नाम लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता और मुक्ति मिल जाती। इस कथन से आंबेडकर अनुयायियों में काफी रोष था। अमित शाह द्वारा इस तरह का कथन उनके मानसिक बौद्धिक दीवालिए पन का द्योतक है,पागल पन है , जो बेहद घृणित शर्मनाक अपमान जनक है । महामानव बाबा साहब का घोर अपमान है।अमित शाह के इस नफरती,घृणित वक्तव्य जो असंवैधानिक, अवैधानिक व अस्पृश्यता जनक है इसकी आंबेडकर अनुयायियों द्वारा घोर निंदा किया गया।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने घृणित शर्मनाक अपमान जन शब्दों के लिए देश से माफी मांगे और अपने पद से त्यागपत्र दे।*
*कार्यक्रम का मंच संचालन अध्यक्ष संयुक्त मोर्चा हेमंत कांडे ने किया एवं आभार प्रदर्शन अध्यक्ष सम्यक बौद्ध महासभा अशोक बांबेश्वर ने किया।*
*इस अवसर पर सीटू यूनियन के अध्यक्ष पुरूषोतम सिमैया, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ श्रमिक संघ सोमनाथ उइके, अध्यक्ष गोंडवाना समाज देवेन्द्र उइके, सचिव हल्बा समाज संतोष घराना, अध्यक्ष सतनाम समाज टी.एल.अजगले, अध्यक्ष बौद्ध समाज भीमराव भैंसारे,रवि बरसागड़े, सचिव मसीह समाज विवेक मसीह, अध्यक्ष देवार समाज धीरपाल नेताम, दिलीप सुखदेवे, कृष्णमूर्ति रामटेके,गोरेलाल बंबेश्वर,ओमप्रकाश रामटेके, रवि जायसवाल के. ईश्वर राव, काशीराम निषाद, विजय जोगदन,रामकुमार शर्मा ,विलियम भंवरा,राजाराम, अजय रामटेके, गौतम रामटेके, भीमराव मेश्राम, सुरेंद्र मेश्राम, विशाल दसोडे ,भरत देवांगन, अयान अहमद, नीलकंठ कांबले, नितेश बांबेश्वर, कुलदीप नोनहरें,प्रदीप रामटेके, नोमेश रामटेके, रामजतन भारद्वाज, बिहारी लाल ठाकुर, अनिल रामटेके, अजय नो नोनहरे,चंद्र कुमार बरसागड़े,जय नंदा,नरेंद्र पवार के. के. नायक, कमलेश गंगराले ,कमलकांत रामटेके,हीरालाल, दामोदर, इंद्र कुमार करात, अनीश बाघमारे,अनूप सोरी, रामदीन, दीपक रंगारी, ऋषिकेश ठाकुर, दीनदयाल रंगारी, कुशल ठाकुर, रामकुमार कुर्रे, नितेश बांबेश्वर,बालमुकुंद ठाकुर, अनूप बांबेश्वर,किशोर कुमार आर्य, दिनेश उर्वासा, बिशनलाल कांडे, श्रीमती चंद्र रेखा नंदेश्वर आशा नोनहरे ,नीता कमल रामटेके,ज्योत्सना मेश्राम, अरुणा रामटेके, निर्मला सोनटेके,रंभा पवार ,यामिनी नोनहरे,विशाखा शिंदे, राजेश्वरी ठाकुर,भावना दसोडे ,ज्योति कामले, ममता शिंदे, चेतना कावले, रंभा पवार, भुवनेश्वरी बांबेश्वर, लता बोरकर, किरण बाला नन्हारे, अनीता गंगराले, ममता मांडवी, लता मेश्राम, मोनिका रामटेके, लता ऊके, सरिता रामटेके, संगीता फूलमाली ,गंगा रामटेके, मंजू मेश्राम एवं सामाजिक संगठन,श्रमिक संगठन, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सदस्यगण एवं अंबेडकर अनुयायी सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।