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डॉक्टर अंबेडकर मेमोरियल हॉल दल्लीराजहरा में संविधान गौरव दिवस मनाया गया-रामेश्वर साहू(मंडल अध्यक्ष)

भास्कर न्यूज़ 24/ वीरेंद्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा। संविधान गौरव अभियान के तहत आज दल्ली राजहरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हाल में ” डॉ भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान __ विचार संगोष्ठी ” का आयोजन किया गया l
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नीलू शर्मा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ,विशिष्ट अतिथि दिनेश सुखदेव सेवानिवृत प्राचार्य , महेंद्र पंडित एवं विशेष रूप से चेमन देशमुख (भाजपा जिला अध्यक्ष ),पवन साहू (पूर्व जिला अध्यक्ष ) देवलाल ठाकुर (प्रदेश प्रवक्ता ) ,रामेश्वर साहू मंडल अध्यक्ष राजहरा , रमेश गुजर महामंत्री राजहरा,तोरण लाल साहू (अध्यक्ष नगर पालिका परिषद दल्ली राजहरा ) ,मनोज दुबे उपाध्यक्ष नगर पालिका परि दल्ली राजहरा ,कुंती देवांगन (अध्यक्षा नगर पंचायत चिखलाकसा ) ,मुकेश कौड़े अध्यक्ष डौंडी जनपद ,अशोक बाम्बेश्वर ( अध्यक्ष बौद्ध समाज दल्ली राजहरा ) हेमंत कांड़े प्रदेश उपाध्यक्ष बौद्ध समाज रवि भासागड़े भीमराव भैसारे विपिन चंद्र करतटडे चंद्र रेखा नंदेश्वर होरीलाल मालेकर , अनिल खोबरागड़े आर के सहारे मुकेश कोड़ा मोहंतीन चौरका योगेंद्र सिन्हा ,रूपेश नायक ,मनीष झा एवं अन्य समाज के लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम सर्वे में सर्वप्रथम बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर तेल चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया तदुपरांत भारत का संविधान की प्रस्तावना की मुख्य अतिथि नीलू शर्मा ने उपस्थित जनों को शपथ दिलाई गई lस्वागत भाषण अनिल खोबरागड़े ने दिया उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है बाबा साहब ने इस देश को विश्व का सबसे बड़ा संविधान दिया l बाबा साहब सदैव कहा करते थे मैं प्रथमत: भारतीय हूं और अंततः भारतीय ही रहूंगा l वे भारत और पाक विभाजन के पक्षकार नहीं थे l वे उनके खिलाफ थे जब विभाजन हुआ तब इनका विरोध में थे और अंततः विभाजन के दस्तावेज में उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया l बाबा साहब समान नागरिक संहिता के पक्षकार थे इस बात का मुझे खुशी हुई कि कालांतर में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी समान नागरिक संहिता लागू करके बाबा साहेब की इच्छा को पूरा कर उन्हें सम्मान दिया है l बाबासाहेब आंबेडकर महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया काम के समय को 8 घंटे में समाहित कर प्रसूति दिला ने के लिए बाबा साहब ने अथक प्रयास कियेl आज मुझे यह कहते हुए भी गर्व महसूस हो रहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य ने भी महतारी वंदन योजना लागू कर उन्हें सम्मान दे रहे हैं lमुख्य अतिथि नीलू शर्मा ने कहा आज बाबा साहेब डाॅ भीमराव अंबेडकर के समरसता दिवस की गोष्ठी में बालोद जिला के दल्ली राजहरा में मुझे आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है इसके लिए मैं अपने आपको धन्य समझकर पार्टी को धन्यवाद देता हूं l 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के मऊ जिले में एक बच्चे का ऐसे परिवार में और समाज में उस समय जन्म हुआ जब छुआछूत भेदभाव और उच्च नीच का पूरे देश में भयंकर वातावरण निर्माण हुआ था l उसे ना परिवार जानता था ना समाज कि विश्व में आने वाला समय में वह अपनी अमिट पहचान बनायेगा l
बाबा साहब का जीवन राष्ट्र को समर्पित रहा है l उनके मन में पीड़ा थी कि समाज में जो असमानता है उसे खत्म करना है l उन्होंने संविधान को जिस उद्देश्य से बनाया गया था उसे उस रूप में लॉन्च नहीं किया गया यह उनके मन में पीड़ा थी दर्द थी l
बाबा साहब समाज में समरसता लाना चाहते थे यही बात देश के नेताओं को पसंद नहीं आ रही थी इसलिए बाबा साहब के विचारों का हर वर्ग विरोध करते थे lजब देश आजाद हुआ नए सरकार बने वे नए सरकार बनी वे कानून मंत्री बने l नेहरू जी के विचार और बाबा साहेब के विचारो में असमानता थी इसलिए बाबा साहब ने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया l
जब वे चुनाव लड़ रहे थे तब बाबा साहब को हराने के लिए 78000 वोटो को रिजेक्ट किया गया l
मुझे अपने समाज अपने देश के लिए जो जीवन का उद्देश्य है उसे पूरा करना है कांग्रेस बाबा साहब अंबेडकर के विचारों की बात करती है उनके उद्देश्यों की बात करती है लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में देश के पार्लियामेंट में कभी उनके तेल चित्र नहीं लगे l 1990 में जब बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न दिया गया कांग्रेस सरकार चाहती तो उसके मरणोपरांत भी दे सकते थे l लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी ने संसद और दे सकते थे l लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी ने पार्लियामेंट में आवाज उठाई देश के समाज में जाकर लोगों को बताया तब जाकर 1990 में उन्हें भारत रत्न दिया गया l स्वतंत्रता के पहले और बाद में जो बाबासाहेब के आदर्शों का हितैषी हुआ करते थे उनके आदर्शों का पालन करने की बात बोलते थे अगर वह उनके हितैषी होते तो सबसे पहले उन्हें भारत रत्न दिया जाता l
बाबासाहेब अंबेडकर की तीन सूत्र थे जो हर व्यक्ति के जीवन में महत्व रखता है उन्होंने हर समाज को साथ लेकर कहा शिक्षित बनो संगठित रहो और संघर्ष करो सबसे पहले समाज में शिक्षा जरूरी है शिक्षा व्यक्ति के निर्माण का कार्य करती है शिक्षा के साथ हर समाज को संगठित होना है l जब समाज संगठित होगा तब समाज तरक्की करेगा उन्नति करेगा और अपने हितों के लिए संघर्ष भी करेगा l
बाबासाहेब आंबेडकर के उन स्थलों को जहां उनका जन्म हुआ जहां पढ़ाई की जहां प्राण त्यागे जहां उन्होंने दीक्षा ली दिल्ली में समय बिताए ऐसे स्थान को सम्मान देने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उनकी 125 वीं जयंती पर घोषणा की थी कि इसे प्रमुख स्थल बनाया जाएगा और उस दिन से संविधान दिवस मनाया जाएगा l
बाबा साहेब अंबेडकर भेदभाव से जूझ रहे समाज में निम्न तपके के लिए लड़ाई लड़ी l उनको मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया और आज वही काम हमारे देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कर रहे हैं l
बाबा साहेब अंबेडकर के तीन गुरु थे पहले गौतम बुद्ध दूसरा कबीर साहेब और तीसरा ज्योतिबा फुले तीनों का जीवन का सारांश जो आप पढ़ेंगे तो तीनों की जीवनी में एक ही सारांश निकलता है संसार से भेदभाव का नहीं समाज किसी प्रकार की उच्च _ नीच छुआ छूत या कोई छोटा या बड़ा ना हो जो इस धरती पर आया है सभी जीव समान है l सबको समानता के साथ जीने का अधिकार है l

हेमंत कांडे ( प्रदेश उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ बौद्ध समाज) ने कहा कि किसी देश का संविधान उस समय बनता है जब कोई देश दूसरे देश से अलग होता है या दूसरा जब क्रांतिकारी परिवर्तन होता है या फिर तीसरा जब कोई नया राष्ट्र बनता है तब संविधान बनता है l भारत अंग्रेजों के गुलामी से आजाद हुआ तब भारत की संविधान बनाने की आवश्यकता हुई l.
साथियों हम किसी वोट के लिए राजनीति की बात नहीं करते हम सामाजिक लोग हैं जमीन स्तर पर काम करते हैं हम बाबा साहेब के आदर्शों को पढ़ते हैं उनके बताए हुए रास्ते को अमल करते हैं l बाबा साहब संविधान कैसे बनाया किन परिस्थिति में बनाया जब तक उनको नहीं जानेंगे तब तक गौरव यात्रा को सफल नहीं बना पाएंगे lकार्यक्रम में आभार प्रदर्शन रामेश्वर साहू भाजपा मंडल अध्यक्ष ने किया।

वीरेन्द्र भारद्वाज

चीफ़ एडिटर, भास्कर न्यूज़ 24

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