गड़बड़ी उजागर: नियम विरुद्ध हो रही थी किसान से ऋण पर 6 महीने की ब्याज की वसूली, संजय बैस (पूर्व जनपद सदस्य ) ने किया हस्तक्षेप, 6 के बजाय अब 1 महीने का ही देना पड़ेगा किसान को ब्याज।

भास्कर न्यूज़ 24/ वीरेंद्र भारद्वाज/दल्लीराजहरा। सेवा सहकारी समिति कुसुमकसा में किसानों से ऋण के बदले अतिरिक्त महीने का ब्याज लिए जाने का मामला सामने आया है। भ्रामक जानकारी किसानों को देकर गुमराह करते हुए उनसे वसूली की जा रही थी। मामला तब खुला जब टोला पारा निवासी एक किसान यशवंत कुमार, पूर्व जनपद सदस्य संजय बैस के पास पहुंचे उन्हें बताया कि उन्होंने विगत महीने ऋण लिया था जिसमें सिर्फ ऋण लेने वाले महीने जो एक महीने का ही उसका ब्याज देना था, पर समिति प्रबंधक द्वारा उनके ऋण पुस्तिका में पूरे 6 महीने का ब्याज जोड़ दिया गया है। मामले की जानकारी मिलने पर तत्काल जिला नोडल अधिकारी से संजय बैस ने बात की और नियमों के बारे में पता किया। नोडल अधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस तरह वसूली नहीं कर सकते हैं यह तो गलत हो रहा है। उन्होंने नियम कायदों को बताया कि सिर्फ एक माह का ही ब्याज लिया जा सकता है ना कि पूरे 6 महीने का। नियमों से अवगत होने के बाद पूर्व जनपद संजय बैस किसान और अपने साथियों के साथ समिति में प्रबंधक के पास पहुंचे। जहां उन्होंने नियम के बारे में उन्हें बताया पर प्रबंधक है कि अपनी जानकारी को सही बताकर वसूली की बात पर अड़े हुए थे। इस दौरान उन्होंने एक अधिकारी से भी बात की पर प्रबंधक नियम को मानने तैयार नहीं हो रहे थे। वे पूरे 6 महीने का ब्याज लेने की बात कर रहे थे। अंत में जब पूर्व संजय बैस ने बताया कि उन्होंने नोडल अधिकारी से जानकारी ली है, आप चाहे तो आप भी बात कर सकते हैं और जो भी अन्य समिति प्रबंधक है उनसे भी जानकारी ले सकते हैं, जो नियम है उतना ही ब्याज लीजिए, ना की अतिरिक्त। फिर अंत में प्रबंधक उनकी बातों से सहमत हुए और अधिकारियों द्वारा उन्हें नियमों की सही जानकारी दिए जाने के बाद किसान के ऋण पुस्तिका में सुधार कर जितना 1 महीने का ही ब्याज लेना है उतनी ही राशि उसे लेने की सहमति बनी। इस तरह जो अतिरिक्त ब्याज के नाम पर वसूली हो रही थी उसे संजय बैस ने रुकवा दिया। इस घटना में यह सवाल भी उठा कि क्या प्रबंधक इसी तरह अन्य किसानों से भी वसूली कर रहे थे? उन्हें नियमों की पूरी सही जानकारी है या नहीं? समय रहते पूर्व जनपद सदस्य और समाजसेवी संजय बैस ने इस गड़बड़ी को उजागर किया और नियम से जो होना है उसी के तहत किसानों से ऋण और बदले में लिया जाने वाला ब्याज वसूली करने की बात पर सहमति बनी।
क्या है वैसे नियम
सेवा सहकारी समिति कुसुमकसा से लोन लेने पर सरकार द्वारा 6 माह तक ब्याज मुक्त राशि दी जाती है तथा सातवें माह से मूल राशि पर ब्याज लगना चालू हो जाता है। लेकिन सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक के द्वारा सातवें माह में ली गई राशि जमा करने पर पूरे एक साथ 7 माह का ब्याज किसान यशवंत कुमार से लिया जा रहा था। यह मामला जब किसान के द्वारा संजय बैस के पास गया तब उन्होंने मामले को संज्ञान में लेकर किसानों के हक में सेवा समिति से पैसा वापस दिलवाया।
क्या है मामला?
दरअसल में टोलापारा निवासी किसान यशवंत कुमार पिता मया राम ने सेवा सहकारी समिति कुसुमकसा से ₹64599 का लोन लिया था। सेवा समिति के प्रबंधक द्वारा पूरे खरीफ फसल के लिए दिए हुए कर्ज का ब्याज राशि मूलधन ₹64599 और ब्याज ₹3635 सहित कुल ₹ 68234 वसूली कर लिया गया था जबकि किसान द्वारा उसका विरोध करने के बावजूद पूरे 7 महीने का मूलधन सहित पैसा वसूल किया गया किसान के विरोध के बावजूद इसका निराकरण नहीं होने पर पूर्व जनपद सदस्य संजय बैंस के पास अपनी समस्या को बताया। संजय बैस ने इसे नियम विरुद्ध माना। उनका कहना था कि सरकार के द्वारा 6 माह तक किसानों को बिना ब्याज की सहयोग राशि दी जाती है। 6 माह बाद यदि पैसा जमा नहीं होता है तो उनका सातवें माह से ब्याज लगता है। फिर भी पूर्व जनपद सदस्य संजय बैस ने उच्चाधिकारियों से बात की। उच्च अधिकारी ने भी संजय बैस के बातों का समर्थन किया। उन्होंने समिति जाकर किसान के हित में पैसा को वापस करने को कहा। राज्य और केंद्र सरकार से बिना ब्याज पर कृषि लोन दिया जाता है। किसान के द्वारा एक माह विलंब से राशि जमा करने के कारण पूरे 7 महीने का ब्याज लिया जाना अनुचित था। जबकि शासन के निर्देशानुसार प्रबंधक को सिर्फ एक माह का ब्याज लेना था । नियम विरुद्ध किसानों को प्रताड़ित कर अधिक पैसे लेने के मामला गंभीर है ।
यह भी रहे मौजूद
पूर्व जनपद सदस्य संजय बैस के साथ भाजपा के उपाध्यक्ष गोपाल साहू,संतोष जैन, पुष्पजीत बैस, दीपक यादव, हितेश गुप्ता की उपस्थिति में प्रबंधक और उच्च अधिकारियों से चर्चा हुआ और किसान के 6 महीने की ब्याज की राशि को वापस दिलाया गया। किसान के द्वारा मूल राशि ₹664599 और ब्याज ₹340.00 रुपया कुल ₹64939.00 रुपये जमा किया गया। किसान यशवंत अपने मेहनत की कमाई को वापस पाकर आनंदित हुए और पूर्व जनपद सदस्य का राशि वापस दिलाने के लिए परिवार सहित आभार व्यक्त किए।
किसानों के साथ ना हो अन्याय
पूर्व जनपद सदस्य संजय बैस ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी किसान के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। किसान अपनी कड़ी मेहनत से पाई पाई जोड़ते है। उनके द्वारा ही ये समिति का संचालन होता है। उनका सम्मान यहां बना रहना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र के सभी किसान भाइयों से अपील किया कि सरकार के नियम से बड़ा कोई नहीं है, आप नियम से समय पर पैसे का भुगतान करें और आपके द्वारा दी जा रही राशि का भी हिसाब सही रखें । ताकि आपकी मेहनत के कमाई का कोई गलत तरीके से फायदा ना उठा सके।