वक्फ विधेयक पर जनता से सुझाव।

भास्कर न्यूज 24/विरेन्द्र भारद्वाज/डौण्डी । संसद की संयुक्त समिति द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर जनता से सुझाव के अन्तर्गत मौजूदा कानून के प्रभाव व भविष्य में उत्पन्न समस्याओं पर राय विचार व्यक्त करते हुए कानून में संशोधन के लिए डौण्डी क्षेत्र के अनेक लोगों द्वारा अपनी सुझाव, राय,विचार व्यक्त की जा रही है ।डाक पोस्ट, फैक्स और ईमेल द्वारा लगातार संसद की संयुक्त समिति को पोस्ट का सिलसिला जारी है । वक्फ बोर्ड के मौजूदा हिन्दू वुरोधी भ्र्ष्ट कानून जो पिछले 70 वर्षों से भारत मे शासित सरकार के द्वारा पोषित वक्फ बोर्ड अधिनियम जिस पर वर्तमान सरकार के द्वारा सुधार हेतु एक विधेयक लाया गया है ! संसद की संयुक्त समिति द्वारा जनता जनार्दन से राय मांगी जा रही है जिसका अंतिम तिथि 10 सितंबर 2024 है ! हम समस्त सनातनी हिन्दू भाइयों से अपील करते है कि इस चंद समय का सदूपयोग करते हुए अपने कर्तव्य का पालन जरूर करे अन्यथा वक्फ बोर्ड के खतरनाक कानून से कोई भी व्यक्ति नही बच पायेगा ! अपनी एवं पूर्वजो की संपत्ति से बेदखल होने में क्योंकि इतना खतरनाक अधिकार वक्फ बोर्ड को प्राप्त है कि जहां पर खड़े होकर कह दे कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है वह जमीन वक्फ की हो जाएगी ! आप कुछ नही कर पाओगे, ऐसे खतरनाक कानून एवं अधिकार इनके अकाओ के द्वारा इनको प्राप्त है ! भारत अंग्रेजो की गुलामी से तो स्वतंत्र हुआ है लेकिन वक्फ बोर्ड के खतरनाक कानूनी जंजाल में फंसा हुआ है क्योंकि आज की स्थिति में पूरे भारत वर्ष में इनकी अचल संपत्ति भारत के तीसरे नंबर पर है ! ऐसे कानून से छुटकारा पाने की आवश्कता है और यह मौका आज है , अगर इससे चूक गए तो पता नही भारत का भविष्य क्या होगा ! केवल माथा पीटने के अलावा कुछ नही बचेगा ! इसी कड़ी में गत दिवस डाक स्पीड पोस्ट द्वारा डौण्डी नगर के अनेक आमजनों द्वारा संसद की संयुक्त समिति को पत्र प्रेषित किया गया, जिनमें मुख्य रूप से जीवन धनकर, पुरूषोत्तम लाल सोनवानी ,अंकित तिवारी, ईश्वर चक्रधारी,शिवराम रणघाटी, प्रशांत नेताम, बाबूलाल वैष्णव, रामनारायण धनकर, प्रेम शुक्ला, शिवम दुबे, आदर्श जैन, मात्रमदास आदि अनेक लोग शामिल रहे ।



