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सर्व समाज समरसता समिति ने सनातन धर्म संस्कृति के प्रति अपमानित करने वाले भाषण और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने तथा सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास करने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने के लिए जैन भवन चौक में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया साथ ही एसडीएम को ज्ञापन सौपा।

भास्कर न्यूज24/सागर गनिर/दल्लीराजहरा। शुक्रवार को सर्व समाज समरसता समिति द्वारा सनातन धर्म संस्कृति के प्रति अपमानित करने वाले भाषण और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने तथा सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास करने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने के लिए जैन भवन चौक में एकत्र होकर गगनभेदी नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया तथा एस. डी. एम. कार्यालय के माध्यम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञात हो की 2 नवम्बर को प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ द्वारा आयोजित सनातन उन्मूलन परिसंवाद कार्यक्रम के मंच से तमिलनाडु के खेलमंत्री उदयनिधि स्टॉलीन द्वारा अपने भाषण में सनातन धर्म को डेंगू मच्छर और कोरोना वायरस बताकर इसके समूल उन्मूलन कर मिटाने की बात कही है। सर्व समाज समरसता समिति द्वारा उक्त भाषण को देश के बहु संख्यक वर्ग और सनातन धर्मावलम्बियों के प्रति नफरत से भरा हेट स्पीच मानती है तथा सामाजिक व सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश मानती है। सनातन धर्मद्रोही उदय निधि स्टॉलीन ने न केवल नफरत भरे भाषण दिया बल्कि अपने बयानों के लिए अपने आप को सही ठहराते हुए क्षमा याचना करने से भी इंकार कर दिया है। हम सब उनके इस बयानों से बहूत चिंतित है विशेषतः तमिलनाडु में रहने वाले सनातनियों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर। ज़ब एक सरकार ही किसी धर्म संस्कृति के प्रति दुराग्रह रखता हो तब उस धर्म संस्कृति के अनुयायियों की सुरक्षा का क्या होगा?…
उदयनिधि स्टॉलीन की ये टिप्पणीयां निर्विवाद रूप से हेट स्पीच है। जो सांप्रदायिक वैमनस्य और हिंसा को भड़का सकता है। यह भारत की एक बड़ी आबादी के विरोध में है और भारत के संविधान के मूल पर प्रहार है जो भारत को एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र के रूप मे देखता है। सुप्रीम कोर्ट देश में नफरत फैलाने वाले भाषणों की बढ़ती घटनाओं पर विभिन्न समयों में कई बार चिंता जता चुकी है। और सरकारों और पुलिस अधिकारियों को स्वतः संज्ञान लेकर ऐसे घटनाओं में औपचारिक शिकायत दर्ज होने की प्रतीक्षा किये बिना कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। अगर इस मामले में किसी भी तरह देरी हुई तो यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना जैसा गंभीर मुद्दा होगा। ऐसे बयानों का प्रबल और मुखर विरोध की आवश्यकता मानते हुए समिति द्वारा शुक्रवार को सुबह 10 बजे जैन भवन चौक के पास एकत्र होकर जोरदार नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया.। साथ ही दल्ली राजहरा नगर सभी सनातन समाज प्रमुखों और संगठन प्रमुखों सहित लगभग 300 प्रतिष्ठित नगरवासियों के हस्ताक्षर युक्त शिकायत पत्र बनाकर जिम्मेदारों के ऊपर कठोर कार्यवाही करने के लिए सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया।

वीरेन्द्र भारद्वाज

चीफ़ एडिटर, भास्कर न्यूज़ 24

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