भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की 134वीं जयंती समारोह 14 अप्रैल को डॉक्टर अंबेडकर मेमोरियल भवन में अत्यंत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

भास्कर न्यूज24/विरेन्द्र भारद्वाज/दल्लीराजहरा। सम्यक बौद्ध महासभा दल्ली राजहरा के तत्वाधान में सामाजिक,धार्मिक, राजनीतिक ,आर्थिक, शैक्षणिक नियामक, बौद्ध धर्म के पुनः उद्धारक, भारतीय संविधान के शिल्पकार परम पूज्य बोधी सत्व भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की 134वीं जयंती समारोह 14 अप्रैल को डॉक्टर अंबेडकर मेमोरियल भवन में अत्यंत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
प्रातः काल 10:00 बजे पंचशील झंडे का ध्वजारोहण संस्था के अध्यक्ष अशोक बाबेश्वर ने किया एवं नीले झंडे का ध्वजारोहण चंद्र रेखा नंदेश्वर ने किया। तत्पश्चात डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के छायाचित्र एवं मूर्ति में पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया।
*बौद्ध उपासक एवं उपसिकाओ के द्वारा भवन प्रांगण में त्रिशरण एवं परित्राण पाठ का वाचन किया गया। तत्पश्चात मंचीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगर पालिका के अध्यक्ष तोरण लाल साहू, विशेष अतिथि के रूप में भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत कांडे, मंडल अध्यक्ष रामेश्वर साहू,पार्षद श्रीमती अरुणा रामटेके, पार्षद शांतनु मेश्राम, भारतीय बौद्ध महासभा की महिला जिला अध्यक्ष नीता कमल रामटेके, बी.एस.पी. के ए.जी.एम .प्रवीण रामटेके, अर्मुरकसा नर्सरी प्रभारी विजय निकोसे,सतीश कांबले ,बौद्ध महासभा के महिला अध्यक्ष चंद्ररेखा नंदेश्वर एवं अध्यक्षता सम्यक बौद्ध महासभा महासभा के अध्यक्ष अशोक बामेश्वर ने किया।
अतिथियों के द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया गया तत्पश्चात समस्त अतिथियों का सम्यक बौद्ध महासभा के पदाधिकारी के द्वारा स्वागत सम्मान किया गया। इस अवसर पर नगर पालिका के अध्यक्ष तोरण लाल साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबा साहेब दलित शोषित, पीड़ित वर्गों के मसीहा थे। उन्होंने सिर्फ दलित शोषित पीड़ित लोगों के लिए ही काम नहीं किया। वरन् सभी वर्ग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्प संख्यक,अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, श्रमिकों,किसानों, एवं अन्य समुदायों के लिए भी उनकी अपनी अहम भूमिका रही है। इसीलिए पूरा विश्व उनके बताए गए रास्तों पे चलकर अपना व अपने देश का विकास कर रहें हैं। भारतीय संविधान को रच कर उन्होंने एक गौरवपूर्ण इतिहास बनाया है।आज वे हमारे बीच में नहीं है फिर भी आज पूरा देश उनके बनाए संविधान पर चल रहा है।
समाज के द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया। समाज के अध्यक्ष अशोक बंबेश्वर के द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष को मांग पत्र सौंपा गया जिसमें उन्होंने डॉक्टर अंबेडकर वाचनालय भवन के अधूरे कार्य को पूर्ण करने के लिए पत्र सौंपा गया।
*संध्याकालीन कार्यक्रम में बौद्ध समाज के द्वारा संयुक्त रूप से अंबेडकर जी की विशाल शोभा यात्रा निकली गई। तत्पश्चात अंबेडकर मेमोरियल भवन में बच्चों के द्वारा अंबेडकर एवं तथागत गौतम बुद्ध के गीतों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, गीत,भाषण का आयोजन किया गया। विविध प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को समाज के द्वारा पुरस्कृत किया गया। मंच संचालन दिलीप सुखदेवे एवं आभार प्रदर्शन चंद्ररेखा नंदेश्वर ने किया।इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी एवं कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियो द्वारा भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।*
*इस अवसर पर श्रीमती पूर्वी वर्मा, राकेश द्विवेदी, राजेश दसोडे ,मुश्ताक अहमद, श्याम जायसवाल, बॉबी छतवाल,सुरेश जायसवाल,भूपेंद्र श्रीवास,मेवा पटेल,महेंद्र पिपरे,मुकेश पिपरे,श्रीमती रमनी बाघ, नंदा पसीने, विधायक प्रतिनिधि रतिराम कोसमा,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शिबू नायर, काशीराम निषाद, विवेक मसीह, प्रमोद तिवारी, संतोष पांडे, युवराज साहू, प्रदीप कुमार, रामू शर्मा परितोष हंसपाल,अजय बघेल,बी.एल. बौद्ध, डॉ.टी.एल.बनसोडे, गोरेलाल*
*बंबेश्वर,गोवर्धन रंगारी, कृष्णामूर्ति रामटेके,आर*
*बी.नायक,भीम राव मेश्राम,संतोष सहारे,सत्यविजय बामबेश्वर, सुरेंद्र मेश्राम,ओमप्रकाश रामटेके, त्रिभुवन बौद्ध,गौतम रामटेके, संतोष मेश्राम, सत्यनारायण रामटेके,रोशन पाटील,किशोर बंबेश्वार,कमलकांत रामटेके,अनिल रामटेके,रमेश भगत, दिलीप रंगारी,देवानंद दहिविले,जितेंद्र मेश्राम,नोमेश रामटेके, नीतेश बबेश्वर,अजय बनसोडे, शैलेंद्र हुमने,संपत,श्रीमती ज्योत्सना मेश्राम,चंद्रशिला बांबेश्वर,भूमिका पाटिल, शारदा बम्बेश्वर , मीरा बौद्ध, कृष्णा गजभिए, रितु बम्बेश्वर,हिमा सुखदेवे,सीमा रामटेके, विद्यावती सहारे, सीमा मेश्राम,इमला कांडे, निशा खापर्डे, रंजना रामटेके,ममता वाहने,लता बनसोडे,सावित्री रामटेके, लता बोरकर,उषा पी. रामटेके,पुष्पालता ऊके, कौशल्या बनसोडे, दीपिका ऊके, लता गायकवाड, रंजना खोबरागड़े, माया नोंहरे,उषा मेश्राम,अमृता डोंगरे,अनीता मेश्राम,रंजीता मेश्राम एवं बौद्ध उपासक एवं उपासिकाए उपस्थित थे।