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जरूरत पड़ने पर रक्तदान अवश्य करें–आशीष गुप्ता। रक्तदान महादान।

भास्कर न्यूज़ 24/ वीरेंद्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा।  छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले के अंतर्गत नगर पंचायत चिखलाकसा वार्ड नंबर 10 इंदिरा कालोनी निवासी आशीष गुप्ता ने जरूरतमन्द को
18 वीं बार रक्तदान देकर लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरूक किया।आशीष ने बताया कि अगर हम पूरी तरह से स्वस्थ है तो जरूरत पड़ने पर जरूरतमंद व्यक्ति को जरूर रक्तदान करें हमारे शरीर में हीमोगोबिन की मात्रा जांच के उपरांत ही रक्तदान किया जाता है इससे हमारे शरीर में हीमोगोबिन की मात्रा कम नहीं होती है।आशीष गुप्ता इससे पहले भी नशा के विरुद्ध लगातार लड़ रहे है और लोगों को नशे से मुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं।आशीष गुप्ता ने कहा कि आप सभी के आशीर्वाद से व परिवार के लगातार सहयोग से ही वो इस तरह के सामाजिक जनकल्याण कार्य को करते है उनको वर्तमान में उनकी जीवन से कोई मतलब नहीं है वो लगातार सहयोग की भावना रखते है ।

1 व्यक्ति कितना खून दे सकता है?
आमतौर पर लोग 1 पिंट (लगभग 450 मिलीलीटर, शरीर में रक्त की कुल मात्रा के लगभग 1/10वें से भी कम) देते हैं। अक्सर रक्त के विभिन्न कंपोनेंट (रक्त उत्पाद देखें) को अलग किया जाता है और अलग-अलग लोगों को दिया जाता है। पूर्ण रक्त (अर्थात, सभी घटक कोशिकाओं के साथ रक्त) दान करने की पूरी प्रक्रिया में लगभग 1 घंटा लगता है।

खून देने से क्या फायदा होता है?
शोधकर्ताओं के मतानुसार रक्तदान करने से दिल के दौरे की आशंका कम हो जाती है। दिल की अन्य बीमारियों के होने की संभावना भी कम होती है। डॉ. डेविस मेयस के अध्ययन से यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि ब्लड डोनेट करने वालों से रक्तदान न करने वालों को दिल के दौरे की दोगुनी आशंका रहती है।

खून देने के बाद कितने दिन में खून बनता है?
डोनेट करने के बाद 24 घंटे में वापस शरीर में उतना ही ब्लड बन जाता है। बशर्ते आप खान-पानी सही रखें। ब्लड डोनेट करते समय आपके शरीर के पांच तरह की जांच भी होती हैै, वह भी बिल्कुल मुफ्त। इसके अलावा यह किसी की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण है।

खून कब नहीं दे सकते हैं?
आइए जानें, किसे और कब ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए. कम उम्र के लोग : 18 साल से कम उम्र के लोगों को ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए. उनकी बॉडी अभी विकास कर रही होती है और ब्लड डोनेट करने से उन्हें कमजोरी हो सकती है. कम वजन वाले लोग : अगर आपका वजन 50 किलोग्राम से कम है, तो ब्लड डोनेट करना आपके लिए सुरक्षित नहीं है.

रक्तदान के बाद क्या नहीं करना चाहिए?
न करें: बहुत अधिक व्यायाम

मतली, चक्कर आना और दर्द सभी संकेत हो सकते हैं कि व्यक्ति रक्तदान के बाद खुद पर बहुत अधिक दबाव डाल रहा है। ये समस्याएँ उन लोगों को भी हो सकती हैं जो बहुत ज़्यादा समय अपने पैरों पर खड़े रहते हैं, भले ही वे ऐसा कुछ न कर रहे हों जिसमें बहुत ज़्यादा मेहनत शामिल हो।

Blood चढ़ाने के बाद क्या होता है?
आमतौर पर, यह प्रतिक्रिया ट्रांसफ़्यूजन के दौरान या तुरंत बाद सामान्य बेचैनी या चिंता के रूप में शुरू होती है। कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ़, सीने में दबाव, चेहरा लाल पड़ना और गंभीर पीठ दर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं। कभी-कभी व्यक्ति को सर्दी होना, चिपचिपी त्वचा और लो ब्लड प्रेशर (आघात) जैसे लक्षण भी आ सकते हैं।

वीरेन्द्र भारद्वाज

चीफ़ एडिटर, भास्कर न्यूज़ 24

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