आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जनता को मूलभूत सुविधाएं तो उपलब्ध नहीं करा रही है बीएसपी प्रबंधन और इसके विपरीत डीएवी स्कूल के माध्यम से मनमानी फीस वसूल कर शोषण करने में लगीं हुई है-मुश्ताक अहमद

भास्कर न्यूज 24/वीरेंद्र भारद्वाज/दल्लीराजहरा। भारतीय मजदूर संघ के नेता और सांसद प्रतिनिधि मुश्ताक अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि डीएवी स्कूल प्रबंधन का मामला थमता नहीं दिख रहा है आज लगभग 06 माह बीत जाने के बाद भी उन शिक्षकों के ऊपर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई जिन्होंने छोटे बच्चों से दबावपूर्ण फीस जमा करने के लिए बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और उन्हें कहा गया कि तुमको परीक्षा में बैठने नहीं दिया जायेगा जब-तक तुम अपनी फीस जमा नही करते हो , जबकि नैतिकता यह है कि अगर बच्चे की फीस जमा नही होने की स्थिति में पालकों से बात करना है न कि बच्चों को डराना धमकाना है और जिन शिक्षकों ने ऐसा किया है उनपर आज दिनांक तक किसी प्रकार की कार्यवाही का न होना बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन की सोच को दिखाता है कि इन्हें बच्चों के साथ हुई मानसिक प्रताड़ना से कोई मतलब नहीं है इन्हें तो बस फीस चाहिए चाहे किसी भी कीमत पर और जब ईसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की गई तो उनके द्वारा भी शिकायत की जांच में बच्चों से पूछताछ किया गया और शिकायतकर्ता पालकों को भी नहीं बुलाया गया ऐसी तो शिक्षा व्यवस्था है जो स्कूल के पक्ष में कार्यवाही कर रही हैं और शिकायतकर्ता को जांच में बुलाना जरूरी नहीं समझ रही हैं और शिकायतकर्ता को जांच प्रतिवेदन की प्रतिलिपी भी उपलब्ध नहीं करा रहे हैं तो फिर ईनके जांच का भी क्या मतलब हुआ?
और दूसरी शिकायत यह थी कि 05-04-2013 को जिला शिक्षा अधिकारी बालोद ने एक आदेश निकाला था कि जिले के सभी निजी स्कूलों के प्राचार्य और प्रधानपाठक को आदेशित किया गया था कि आशसकीय शाला संचालित करने के लिए छात्रों से फीस नियमानुसार 10 माह जुलाई से अप्रैल तक का ही लिया जाना है। और ईस बात का भी ध्यान रखना है कि अन्य संसाधनों के नाम पर मनमानी फीस नहीं वसूलनी है। और साथ ही ईस बात का भी विशेष ध्यान रखा जावे कि पालकों अपने स्कूल से गणवेश, पुस्तकें,कापी,मोजा,टाई आदि खरीदने हेतु पालकों पर दबाव न बनाया जाए अगर ऐसा करने की शिकायतें मिलती है तो स्कूल की मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जावेगी। मगर उसके बाद भी डीएवी स्कूल प्रबंधन और बीएसपी प्रबंधन दोनों मिलकर आदिवासी अंचल के ईस स्कूल में 12 माह की फीस वसूलने में लगे हुए हैं और शासन की आदेश की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं ईनपर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे जनमानस में एक संदेश जाए की कानून व्यवस्था से कोई भी बड़ा नहीं है चाहे वो बीएसपी प्रबंधन के अधिकारी हो चाहे डीएवी स्कूल प्रबंधन सबके साथ शासकीय आदेश की अवहेलना का मामला पंजीबद्ध किया जाना चाहिए। और तीसरी शिकायत यह कि डीएवी स्कूल प्रबंधन गैर बीएसपी के बच्चों से फीस क्यों मांग रही है जब सत्र 2022-23 में 2.03 करोड़ और सत्र 2023-24 में 2.70 करोड़ रुपए बीएसपी प्रबंधन ने सीएसआर मद से डीएवी इस्पात सीनियर सेकेंडरी स्कूल दल्ली राजहरा को गैर बीएसपी के बच्चों के लिए दिया है तो फिर स्कूल प्रबंधन फीस क्यों मांग रही है इनकी फीस तो पिछले दो सत्रों से बीएसपी प्रबंधन सीएसआर मद से जमा कर रही है। और सीएसआर मद से स्कूल कों पैसे देने की जो भी कार्यवाही हुई है वो राजहरा सीएसआर विभाग से ही किया गया है तों बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन यह नहीं कह सकते हैं कि यह उनकी जानकारी में नहीं है और आज लगभग ईस प्रकरण को चलते 06 माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन ने सीएसआर मद के पैसे के संबंध कोई भी संतुष्टि जनक जवाब नहीं दिया है और जो जिम्मेदार अधिकारी हैं वह एसडीएम राजहरा द्वारा बुलाई जाने वाली बैठकों में आने से बच रहे हैं और तो और एसडीएम जो कलेक्टर का प्रतिनिधि होता है बीएसपी प्रबंधन के अधिकारी उनके आदेश की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं जबकि ईस विषय को लेकर एसडीएम राजहरा के साथ बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन की 3-4 बैठकें हो चुकी है अंतिम बैठक में एसडीएम राजहरा ने बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन को स्पष्ट कर दिया था कि जबतक ईस पर कोई निर्णय नहीं हो जाता है तब तक पालकों से फीस न लिया जावे और बड़े शर्म की बात है कि बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन ने कल उन बच्चों को रिज्लट देने से मना कर दिया जिन बच्चों की फीस जमा नही हुईं हैं। हमारा कहना यही है ईस तरह शासकीय आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ानें वाले अधिकारीयों के ऊपर कब कार्यवाही होगी, क्या बीएसपी ने ईस आदिवासी अंचल में खदान इसलिए चालू किया था कि यहां डीएवी स्कूल को स्कूल चलाने का ठेका देकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की ग़रीब जनता से मनमाने तरीके से स्कूल फीस वसूलेंगी, जबकि बीएसपी प्रबंधन को ईस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के विकास के लिए काम करना था यहां के आदिवासियों को निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना था मगर ठीक ईसके विपरीत बीएसपी प्रबंधन ईस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का खुलेआम शोषण करने में लगीं हुई है और जो बीएसपी का सीएसआर मद मूलभूत सुविधाओं के लिए खर्च किया जाना है उसे बीएसपी के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार करने का जरिया बना लिया है जिसका ज्वलंत उदाहरण डीएवी स्कूल को गैर बीएसपी के बच्चों के लिए दिये गये करोड़ों रुपए का कोई हिसाब का न मिलना है।मुश्ताक अहमद ने कहा है कि इन सभी विषयों के निराकरण के लिए राजहरा नगर के नवनियुक्त एसडीएम ने एक बैठक 01-04-2024 को दोपहर 02 बजे रखी है हम उनका धन्यवाद करते हैं कि चुनाव में व्यस्त होने के बाद भी जनहित और भ्रष्टाचार एवं शासकीय आदेशों की अवहेलना और साथ ही छोटे बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाले शिक्षकों पर उचित कार्यवाही के मुद्दों पर चर्चा हो ईसपर सार्थक निर्णय लिया जावे जिससे लंबे समय से चल रहे ईस विषय का पटाक्षेप हो सकें और ईस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जनता को न्याय मिल सके।