राजहरा मैराथन दौड़ में अव्यस्था का आलम, एथलेटिक हुए परेशान।

भास्कर न्यूज24/वीरेन्द्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा।
नगर के बीएसपी ओपन एयर थियेटर में 14 जुलाई को आयोजित राज्य स्तरीय राजहरा मैराथन दौड़ में पूरी तरह अव्यवस्था का आलम देखने को मिला। दूर दराज से आये धावकों को पीने का पानी भी नही मिला।
वही राजहरा क्लब में रुके महिला धावकों को प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले कुछ समय आराम करने की जरूरत पड़ती है लेकिन आयोजन समिति की ओर से बिछाने के लिए उन्हें दरी भी नसीब नही हुआ। जबकि हर धावकों से एक हजार रुपये एंट्री फीस ली गई। जो अधिक था । इसकी भी निदा खेल प्रेमियों एवम नगर वासियो द्वारा की जा रही हैं।आयोजन स्थल पर धावकों के बैठने के लिए कुर्सी भी पर्याप्त संख्या में नही थी। आयोजन समिति की ओर से पर्याप्त वालेंटियर नही होने से पैदल चाल में भाग लेने वाले प्रतिभागियों में रिजल्ट को लेकर नाराजगी देखने को मिली। खेल से जुड़े लोगो ने बताया कि कभी भी फुल मैराथन 42 किलोमीटर और हाफ मैराथन 21 किलोमीटर का किया जाता है इतनी छोटी दूरी का मैराथन को मैराथन का नाम नहीं दिया जाता इस प्रकार यहां के आयोजन समिति द्वारा छत्तीसगढ़ एथलेटिक्स संघ के पदाधिकारी को धोखे में रखकर राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर खेल कर गये। जो खेल नगरी को बदनाम करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ एथलेटिक संघ के प्रदेश सचिव अमरनाथ ने कहा कि स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ समाज के लिए खेल होते रहने चाहिये। इसका राजनीतिकरण नही होना चाहिए। सभी पक्ष को लेकर आयोजन किया जाना चाहिए था। वही आयोजन स्थल पर किसी भी पार्टी के झंडा नहीं होना चाहिए अगर ऐसा होता है तो यह गलत है। ऐसी स्थिति में आने वाले समय में फिर से अनुमति नहीं दी जाएगी।



