राजहरा के अस्तित्व पर संकट, भय नहीं, समाधान चाहिए- रवि जायसवाल (पूर्व उपाध्यक्ष) नगर पालिका दल्ली राजहरा।

भास्कर न्यूज़ 24 /वीरेंद्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा।दल्लीराजहरा जो छत्तीसगढ़ के औद्योगिक और श्रमिक इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय रहा है, आज अस्तित्व के अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है। इस नगर के मेहनतकश नागरिकों के सिर पर मकान टूटने का भय मंडरा रहा है। मैं, रवि जायसवाल, नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष के रूप में, शहर की इस गंभीर स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करता हूँ और सरकार तथा स्थानीय प्रशासन की घोर उदासीनता की कड़ी निंदा करता हूँ। चहुँओर से भय का माहौल
यह सर्वविदित है कि दल्ली राजहरा की लगभग पूरी आबादी या तो बीएसपी (BSP) की भूमि पर या रेलवे की भूमि पर दशकों से निवास कर रही है। अब स्थिति यह हो गई है कि नागरिकों को चहुँओर से नोटिस मिल रहे हैं, जिससे शहर में भय और अनिश्चितता का माहौल चरम पर है:
1. बीएसपी नोटिस: वर्षों से बसे हुए क्षेत्रों को कब्जा हटाने के नोटिस दिए जा रहे हैं।
2. रेलवे विस्तारीकरण नोटिस: रेलवे द्वारा विस्तारीकरण परियोजनाओं के लिए आम जनता को नोटिस दिए जा रहे हैं।
3. PWD सड़क चौड़ीकरण नोटिस: लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा सड़क चौड़ीकरण के नाम पर लोगों को विस्थापित करने की धमकी दी जा रही है।
एक ही समय पर इतने सारे नोटिसों का मिलना स्पष्ट करता है कि स्थानीय नागरिकों के स्थायीकरण की इच्छाशक्ति राज्य सरकार में नहीं है।
सरकार से सवाल: विकास या विस्थापन?
यह अत्यंत दुखद है कि जहाँ राज्य सरकार का प्राथमिक कार्य शहरों के सतत विकास की योजनाएँ बनाना होता है, वहीं छत्तीसगढ़ की वर्तमान भाजपा सरकार दल्ली राजहरा के नागरिकों के मन में अनिश्चितता और विस्थापन का डर पैदा कर रही है।
• क्या नागरिकों को वर्षों से बसे हुए घरों से बेदखल करना ही सुशासन है?
• जब लाखों लोगों का जीवन इस भूमि से जुड़ा है, तो क्या सरकार के पास पुनर्वास और व्यवस्थापन की कोई ठोस योजना नहीं है?
हमारी स्पष्ट मांग है: भाजपा सरकार भय का माहौल बनाना बंद करे और अविलंब शहर के विकास की योजना बनाए, न कि नागरिकों को उजड़ने का डर दिखाए।
नगर पालिका की सुस्ती अस्वीकार्य-
यह बेहद निराशाजनक है कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर दल्ली राजहरा नगर पालिका भी पूरी तरह से सुस्त और निष्क्रिय बनी हुई है। स्थानीय निकाय होने के नाते, नगर पालिका का यह नैतिक दायित्व है कि वह नागरिकों के हक के लिए प्रशासन और सरकार के सामने मजबूती से खड़ी हो। नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और नागरिकों को आश्वस्त करना चाहिए।
हमारी मांग और प्रस्तावित समाधान:
1. नोटिसों पर तत्काल रोक: रेलवे, बीएसपी, PWD और शासन द्वारा जारी किए जा रहे सभी बेदखली नोटिसों पर तत्काल रोक लगाई जाए।
2. भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया: राज्य सरकार बीएसपी और रेलवे के साथ समन्वय स्थापित कर, वर्षों से बसे हुए नागरिकों के रिहायशी क्षेत्रों की भूमि को नगर पालिका या राज्य सरकार को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करे।
3. व्यवस्थीकरण योजना (Regularisation Plan): ऐसे आवासीय क्षेत्रों को नियमित करने के लिए एक विशेष योजना बनाई जाए, जिससे नागरिकों को उनके घर का वैध पट्टा मिल सके।
4. सर्वदलीय बैठक: नागरिकों को विश्वास में लेने के लिए नगर पालिका स्तर पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और समस्या के समाधान हेतु एक साझा रणनीति तैयार की जाए।
दल्ली राजहरा के नागरिक डर में नहीं, बल्कि विकास और सम्मान के साथ जीना चाहते हैं। हम सभी दलों और संगठनों से अपील करते हैं कि वे इस मानवीय मुद्दे पर एकजुट हों।
भवदीय,
श्री रवि जायसवाल
(पूर्व उपाध्यक्ष, नगर पालिका दल्ली राजहरा)



