नगर पालिका ने चलाया वार्ड-5 शंकर तालाब में सफाई अभियान।

भास्कर न्यूज24/वीरेन्द्र भारद्वाज/दल्ली राजहरा। नगर के वार्ड नंबर 5 में स्थित शंकर तालाब का नगर पालिका की ओर से सफाई अभियान चलाया गया l
सफाई अभियान के तहत तालाब के पानी को निकाल कर तालाब के अंदर में उगने वाले जंगली ढेश के पेड़ को उखाड़ा गया है l वर्तमान में तालाब पूरी तरह लाल पानी से में तब्दील हो गया है l लगभग 1 सप्ताह तक पानी की स्थिति ऐसी बनी रहेगी एक सप्ताह बाद ही तालाब का पानी नहाने लायक हो पाएगा l तालाब लाल रंग के दलदल से पूरी तरह भर गया है l तालाब की चौड़ाई लगभग डेढ़ एकड़ की है l जो दो हिस्सों में बना है l एक हिस्से में पानी दलदल और जंगली ढेश से भरा हुआ है l और दूसरी हिस्सा जंगली घास और माइंस की मिट्टी से भरा हुआ है l तालाब के मध्य में भगवान शंकर का विशाल मूर्ति है जिसके कारण इसे शंकर तालाब के नाम से जाना जाता है l यहां हर वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर वार्ड वासियों के द्वारा कार्यक्रम कराया जाता है l हर समय यहां भगवान शंकर की पूजा कर अर्चना करने वाले पहुंचते हैं l छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की ओर से तालाब के मरम्मत और सौंदर्य करण के लिए नगर पालिका अध्यक्ष शिबू नायर के अथक प्रयास के बाद 50 लाख रुपए की राशि मिला है l काम पूरा हो जाने पर तालाब पूरे नए रंग और रूप में नजर आएगी l जहां तालाब में चारों तरफ सीसी रोड सौंदर्यकरण महिलाओं के स्नान के लिए चेंजिंग रूम बनाने की योजना है l यदि सौंदर्यकरण योजना के तहत दोनों तरफ की मिट्टी निकाल दिया जाए तो तालाब बहुत ही सुंदर और आकर्षक नजर आएगा l क्योंकि यहां का जल स्रोत भूगर्भ से निकलने वाले झरण का पानी है l बाहर से आने वाली पानी के साथ कीचड़ आदि तालाब में आता है l लेकिन भूगर्भ जल स्रोत के कारण बाहर से कीचड़ और गंदगी आने की संभावना बहुत ही कम रहती है l इस तालाब का निर्माण के संबंध में पूर्व नगर पालिका पार्षद चंपा साहू ने बताया कि अविभाजित दुर्ग जिला के एसपी रमेश शर्मा के कार्यकाल में उनके आदेश पर दल्ली राजहरा के सीएसपी सुरेश मुकुलवार की मदद से तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष पुरोबी वर्मा के द्वारा शंकर तालाब का निर्माण हुआ था l वार्ड वासी ने बताया कि नगर पालिका द्वारा किया जा रहा काम सहरणीय है l लगभग साल भर के अंदर में यह दूसरी बार है l जब नगर पालिका के द्वारा इस तालाब में सफाई अभियान चलाया जा रहा है l यदि तालाब के अंदर उगने वाले जंगली ढेश को पूरी तरह से उखाड़ कर बाहर कर दिया जाए तो बार-बार सफाई अभियान चलाने की आवश्यकता नहीं होगी l क्योंकि इस जंगली ढेस के बहुत जल्दी ही ग्रोथ हो जाने के कारण तालाब का पानी गंदगी से भर जाता है।