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 दो सत्रों में बीएसपी सीएसआर मद से डीएवी स्कूल को गैर बीएसपी बच्चों की फीस के लिए 4 करोड़ 88 लाख रुपए दे चुकी है उसके बाद भी बच्चों से फीस वसूलने में लगे बीएसपी के अधिकारी और डीएवी स्कूल प्रबंधन_मुश्ताक अहमद

भास्कर न्यूज24/वीरेंद्र भारद्वाज/दल्लीराजहरा। भारतीय मजदूर संघ के नेता और सांसद प्रतिनिधि मुश्ताक अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बीएसपी प्रबंधन द्वारा सीएसआर मद से गैर बीएसपी बच्चों की फीस के लिए लिए दो सत्रों से सत्र 2022-23 में 2 करोड 18 लाख एवं सत्र 2023-24 में 2 करोड 70 लाख रुपए का भुगतान डीएवी स्कूल प्रबंधन को कर चुकी हैं और जिसकी लिखित जानकारी सूचना के अधिकार में बीएसपी के अधिकारियों द्वारा स्वयं दिया भी गया है मगर उसके बाद भी उस पैसो का लाभ क्षेत्र की ग़रीब आदिवासियों के बच्चों को अभी तक नहीं मिला है जोकि जांच का विषय है। उसी विषय को लेकर एसडीएम आर के सोनकर ने एक बैठक आयोजित की थी जिसमें शिकायतकर्ता संघ , बीएसपी प्रबंधन, डीएवी स्कूल प्रबंधन, ब्लाक शिक्षा अधिकारी को बुलाया गया था और ऐसी मंशा थी कि महीनों से चल रहें इस समस्या का समाधान निकाला जाये, किंतु हर बार की तरह इस बैठक में भी बीएसपी के जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचे जो इस पर कोई ठोस निर्णय ले सकें । ऐसे कार्मिक विभाग के अधिकारी को भेजा गया था जो किसी भी प्रकार का निर्णय लेने में सक्षम नहीं है सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए बीएसपी प्रबंधन अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा था जोकि बहुत ही निराशाजनक है कि जनहित के मुद्दों पर इस तरह जिम्मेदार अधिकारीयों का बैठक में उपस्थित न होना और क्षेत्र के गरीब आदिवासी बच्चों की समस्याओं के समाधान के लिए जानबूझकर पीछे हटना और साथ ही कलेक्टर के प्रतिनिधि एसडीएम की आदेश को ना मानना बीएसपी प्रबंधन की आदिवासी बच्चों के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। ब्लाक शिक्षा अधिकारी की अनुपस्थिति में बीआरसी डौंडी बैठक में उपस्थित हुए थे। डीएवी स्कूल की तरफ़ से भी प्रतिनिधिमंडल उपस्थित हुआ था बैठक प्रारंभ होने से पहले ही बीएसपी प्रबंधन के वह अधिकारी जो निर्णय लेने में सक्षम नहीं थे वह बैठक छोड़कर जा चुके थे जोकि यह स्पष्ट करता है कि बीएसपी प्रबंधन क्षेत्र के लोगों के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है। वह सिर्फ और सिर्फ हमार शोषण और भ्रष्टाचार करने में लगा हुआ है। बीएसपी प्रबंधन की अनुपस्थिति में बैठक प्रारंभ हुई और एसडीएम आर के सोनकर ने डीएवी स्कूल प्रबंधन को निर्देशित किया कि चूंकि फीस का मामला मेरे समक्ष विचाराधीन है और इस पर बातचीत चल रही है और आचार संहिता लागू होने के कारण सभी व्यस्त हैं इसलिए सबसे पहले डीएवी स्कूल सभी बच्चों का रिजल्ट तत्काल उन्हें दें जिन्हें बीएसपी प्रबंधन के दबाव में रोककर रखा गया है। क्योंकि डीएवी स्कूल अन्य निजी स्कूलों से बिल्कुल भी अलग है डीएवी स्कूल बीएसपी प्रबंधन के द्वारा संचालित किया जाता है और स्कूल चलाने का सारा खर्च, शिक्षकों का वेतन, उनके लिए मकान, चिकित्सा सभी तरह की सुविधा बीएसपी प्रबंधन उपलब्ध कराता है डीएवी स्कूल का सिर्फ नाम है बाकी सारे काम बीएसपी प्रबंधन द्वारा किया जाता है इसलिए फीस के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार भी बीएसपी प्रबंधन का है डीएवी स्कूल प्रबंधन के एल एम सी के अध्यक्ष भी बीएसपी प्रबंधन के मुख्य महाप्रबंधक खदान है इसलिए अन्य निजी स्कूलों से अलग डीएवी स्कूल 100 प्रतिशत अनुदान प्राप्त स्कूल है और उसके बाद भी क्षेत्र के आदिवासियों क्षेत्र के बच्चों का रिजल्ट फीस के कारण रोककर रखा गया है जोकि बहुत ही शर्मनाक है। चाहे तो ईस समस्या का समाधान एक दिन में हो सकता है मगर बीएसपी प्रबंधन समाधान करना ही नहीं चाहतीं हैं बीएसपी प्रबंधन तो डीएवी स्कूल को दिए गए सीएसआर मद से करोड़ों रुपए का कोई लिखित जानकारी देने से भी बच रही है जिससे ऐसा लगता है कि सीएसआर मद की राशि का बंदरबांट कर लिया गया है तभी बीएसपी के जिम्मेदार अधिकारी बैठक में आने में टालमटोल कर रहे हैं। एसडीएम के बोलने के बाद भी आजतक जिन बच्चों ने फीस नहीं जमा किया है बीएसपी प्रबंधन उनका रिजल्ट रोककर रखीं हैं बीएसपी के अधिकारी एसडीएम का बात को भी नहीं मान रहे हैं जोकि ईनकी हठधर्मिता को दर्शाता है। बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन द्वारा सभी बच्चों से पीपुल्स फंड के नाम पर एक मोटी रकम फीस के नाम लेती है और इस फंड के लिए अलग से बैंक खाता भी खोला गया और यह बताया गया है कि इस फंड के पेसौ का उपयोग बच्चों के बेनीफीट के लिए किया जाता है और जब संघ ने इस फंड की पूरी जानकारी मांगी की ईस फंड की राशि का उपयोग जबसे स्कूल खुला है कहां किया गया है तो बीएसपी प्रबंधन और डीएवी स्कूल प्रबंधन कोई जवाब नहीं दे रहीं हैं? और एक तरह कलेक्टर बालोद ने जिला शिक्षा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि जिन निजी स्कूलों में शासन के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है जहां आवश्यकता से अधिक फीस लिया जा रहा है उसका सही तरीके से जानकारी पालकों को नहीं दिया जा रहा है उन स्कूलों की जांच किया जावे और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जावें और जरूरत पड़ने पर मान्यता रद्द करने की भी कार्यवाही की जावें। और ऐसी जानकारी मिली है कि आज जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर के निर्देश पर सभी ब्लाक शिक्षा अधिकारियो की एक बैठक बुलाई है।मुश्ताक अहमद ने कहा कि निजी स्कूलों का आंडिट प्रतिवर्ष सार्वजनिक किया जाना चाहिए जिससे पता चले कि स्कूल जोकि मान्यता लेने के समय शपथपत्र देते हैं कि नो प्रॉफिट नो लास में स्कूल का संचालन करेंगे मगर मान्यता मिलते ही शिक्षा का व्यासीकरण कर दिया जा रहा है।कापी पुस्तक मोजा टाई सभी चीजें स्कूल स्वयं बेच रहा है और पालकों पर दबाव बनाया जाता है खरीदने के लिए जोकि कही से भी सही नहीं है और कलेक्टर को ईसपर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिससे हमारे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के बच्चों का शोषण करने वाले बीएसपी प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य करें और बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले उसके लिए उसके लिए कार्य करें न कि बच्चों के रिजल्ट को रोककर उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित करें। इस बैठक में मुख्य रूप से संघ की ओर से मुश्ताक अहमद, एम पी सिंग, लखनलाल चौधरी, डौडी बीआरसी एस एन शर्मा, डीएवी स्कूल के प्रभारी प्राचार्य और एसडीएम राजहरा आर के सोनकर उपस्थित थे।

 

वीरेन्द्र भारद्वाज

चीफ़ एडिटर, भास्कर न्यूज़ 24

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