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ग्राम कोण्डेकसा के ग्रामीणों ने कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद भोजराज नाग को ज्ञापन सौंपा।

भास्कर न्यूज़ 24/ वीरेंद्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा। ग्राम कोण्डेकसा के ग्रामीणों ने कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद भोजराज नाग को ज्ञापन सौंपकर कहा कि रूढिवादी प्रथा के तहत पांचवी अनुसूचि क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कोण्डेकसा में ग्राम सभा बैठक बिना सहमति के कम्पनी स्थापित किया गया है। ग्रामीण ने सासंद से मांग की है कि ग्राम सभा में जन अदालत कर जन सुनवाई करने कराया जाये। ग्रामीणों ने सासंद को सौपे ज्ञापन में कहा है कि ग्राम सभा कौण्डेकसा में पूर्व के भाति सन् 1971/1972 से बी.एस.पी प्रशासन एव वर्तमान नवनिर्मित प्लाटों के द्वारा हमारा जल जंगल जमीन अधिग्रहण कर आदिवासियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। ग्रामीणों का मांग है कि बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार एंव प्रभावित 350 परिवारों को मुआवजा दिया जाये और सभी कम्पनियों से हमारी मांग है परिवहन में 90% की हिस्सेदारी दिया जाये और हमारे जल जंगल जमीन के बदले सभी कम्पनियों से 50% की हिस्सेदारी बनाया जाये जिसमें हमारे कोण्डेकसा एंव नीचेपारा अतिप्रभावित होता हैं। जिसके साथ जन जीवन अस्त व्यस्त हा रहा है। वर्तमान में जितने भी कम्पनी स्थापित हो रहे है जिससे निकलने वाली प्रदूषण एंव प्रदूषित पानी सड़क, बुनियादी शिक्षा, स्वास्थ, पानी जिसका क्षति पूर्ति सभी कम्पनियों के द्वारा किया जाए।
कम्पनी यह भी दावा कर रही हैं जिसमें वर्तमान समय में निर्माणधीन प्लाट श्री जगननाथ स्टील्स एण्ड पावर लिमिटेंड एंव शारदा बेनीफिकेशन प्लांट एंव बी.एस.पी प्रशासन के अधिकारियों का एक बार फिर पुनः पुनरावृत्ति जा रही है। कम्पनी प्रबंधन द्वारा हम ग्रामिणों के साथ छल किया जा रह है। कम्पनी यह दावा कर रही हैं कि निर्माणधीन प्लाट से 20 फीट की दुरी पर सड़क है और 1 किलोमीटर की दुरी पर कोई अवासीय कालोनिया कोई शैक्षणिक / चिकित्सा/धार्मिक संस्थान मौजूद नही है जो कि असत्य है। कम्पनियों द्वारा ग्राम कोण्डेकसा को नक्शा से ही- गायब करने की कोशिश किया जा रहा हैं। जिसमें 350 परिवार निवास कर रहें है क्या उसे कम्पनियों को या अधिकारियों को दिखाई नही दे रहा हैं। शासन प्रशासन से जवाब चाहते है। जिसमें सभी परिवार को रोजगार तो दूर किसी भी प्रकार सुविधा से वंचित किया जा रहा है और बहारी व्यक्तियों को अधिक प्राथमिक्ता दिया जा रहा है और राजनैतिक तथा भ्रष्ट अधिकारी और युनियन को कम्पनी द्वारा प्राथमिक्ता दिया जा रहा है। रुढ़ियादी प्रथां ग्राम कोण्डेकसा एव आदिवासियों को कुचलने की कोशिश किया जा रहा है। विगत सन् 1971 / 1972 के समय में आदिवासियों एवं ग्रामिणों के साथ छल किया जा रहा हैं। जिसमें सी.एस.आर एंव खनिज न्यास निधि से वंचित किया गया है जिससे युनियन एंव राजनैतिक दलों को कम्पनियों द्वारा फायदा दिया जा रहा है। बी.एस.पी एंव नवनिर्माण सभी कम्पनियों को भूत पूर्व एंव वर्तमान सी.एस.आर फण्ड एंव खनिज नियास भुगतान किया जाए पूर्व से लेकर अब तक किसी प्रकार का रूढ़ीवादी प्रथा ग्राम कोण्डेकसा को अपना हक दिया जाए। आदिवासियों के जल जंगल जमीन अधिग्रहण कर एंव हमारे पूर्वज के देवी देवता जो पहाडी में स्थापित है। वह पूजा अर्चना करने आने जाने के रास्तों को हमेशा के लिए प्रतिबंधित किया गया है। जिस जंगल में आश्रित है। ग्रांम कोण्डेकसा में बी.एस.पी एंव सभी कम्पनियां स्थापित है वर्तमान और भविष्य में किसी भी प्रकार के बाहरी एंव युनियनों को अधिकार न दिया जायें अगर दिया जाता हैं तो सभी कम्पनियों के ऊपर उचित कार्यवाही किया जायें। नहीं करने पर रुढीवादी प्रथा एंव ग्रामिणों के द्वारा कार्यवाही किया जायेगा। ग्राम कोण्डेकसा एवं नीचेपाररा कोण्डे दफाई में रूढ़िवादी प्रथा के तहत पांचवी अनुसूची क्षेत्र अंतर्गत है जिसमें बीएसपी प्रशासन एवं राजस्व विभाग के द्वारा बिना ग्राम सभा लिए बिना सर्वे कर श्री जगन्नाथ पावर लिमिटेड एवं शारदा बेनेफीकेशन प्लांट बीएसपी कंपनियों को स्थापित किया गया है जिसमें ग्राम पंचायत धोबेदण्ड के द्वारा रूढ़िवादी ग्राम सभा बैठक के लिए बिना शासन और पंचायत के मिली भगत से कार्य किया जा रहा है जो की प्लांट से एक किलोमीटर के अंतर्गत कोई आवासीय कॉलोनी स्कूल मंदिर देवालय एवं उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं है करके कंपनियों के द्वारा दावा किया जाता है इसमें पंचायत द्वारा सहमति दिया गया है जिसमें रूढ़िवादी ग्राम सभा सहमत नहीं है हम ग्राम वासियों का यह मांग है की जन जंगल जमीन हमारा है ना की शासन प्रशासन का है शासन प्रशासन के द्वारा हम सभी ग्राम वासियों को शासन के नौकरों एवं दलालों से हमें डराया धमकाया जा रहा है जिसमें पूंजी पतियों को संरक्षण दिया जा रहा है जिसमें ग्रामीणों को सन 1971 -72 से अब तक का कोई मूलभूत सुविधा नहीं दिया गया है जैसेँ रोजगार प्रभावित को मुआवजा पेज जल सड़क बिजली शिक्षा स्वास्थ्य एवं खनिज निधि एवं सीएसआर फंण्ड एवं परिवहन से सभी वंचित हैं जो की संविधान में अनुच्छेद 13 (1 )का अनुच्छेद 13(3 )का अनुच्छेद 123 (3) 342 ,366, (25)का अनुच्छेद 330 ,332, के तहत हमारा मौलिक अधिकार है जिसमें शासन प्रशासन एवं पंचायत प्रतिनिधि द्वारा यूनियन एवं बाहरी व्यक्तियों को सर्वप्रथम अधिकार दिया जाता है हम ग्रामवासी पूछना चाहते हैं शासन प्रशासन हमारा जल जंगल जमीन हमारी जीवनदायनी है हम जान-जंगल जमीन से हम जीवन यापन करते हैं हमको खनिज संपदा देता है हमारा अधिकार है हम उसका मालिक हैं जो की पूंजी पत्तियों और शासन प्रशासन हमारे जमीन से बेदखल करने की साजिश की जा रही है जो की पांचवी अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत अनुच्छेद 13(1) 244 (1)के तहत बाहरी व्यक्तियों को एवं यूनियनों एव प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है आता है संविधान में भी लिखा गया है ।11 जुलाई 1997 में लिखा गया है सुप्रीम कोर्ट जजमेंट के तहत पांचवी अनुसूची क्षेत्र मे केंद्र सरकार एक का एक इंच जमीन का भी मालिक नहीं है जिसमें शासन प्रशासन एवं बाहरी व्यक्तियों एवं यूनियन का इसमें रूढ़िवादी ग्राम सभा बिना अनुमति के किसी भी प्रकार के अधिकार नहीं है ना कंपनी द्वारा अगर हमको दखलअंदाजी करता है तो ग्राम वासियों एवं कंपनियों के द्वारा 50% का पार्टनर का हिस्सेदारी होगा नहीं तो रूढ़िवादी प्रथा के तहत एक मुट्ठी मिट्टी तक ले जाने के अनुमति नहीं देंगे कंपनियों को उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहना पड़ेगा खामियाजा स्वयं कंपनियों को भुगतना पड़ेगा हमारा जन जंगल जमीन है न की कंपनियों का यहां का मालिक हम हैं हम तय करेंगे तय करेगा शासन प्रशासन से पूछना चाहते हैं अगर शासन प्रशासन नहीं जानती है तो संविधान खोलकर पढ़ ले जंगल जमीन और पांचवी अनुसूची क्षेत्र होता क्या है और उसके अधिकार क्या है अच्छी तरह से पढ़ने की जरूरत है शासन प्रशासन उसके बाद कार्यवाही करने के लिए तैयार रहें लोकसभा ना विधानसभा ना कलेक्टर ना राष्ट्रपति सबसे बड़ा रूढ़िवादी ग्राम सभा इसे लेकर ग्रामवासीय ने संसद को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन सौपने के दौरान बिसनाथ टेकाम ,अरुन कोरेटी ,मनराखन उइके ,माधव टेकाम ,हेमंत नेताम ,मंगल जगत ,प्रशांत नरेटी ,शालीक टेकाम , तामेश्वर टेकाम ,वीरेंद्र टेकाम ,सत्यन कोरेटी ,पवन साहू , टिकेश्वर साहू , कमल नारायण साहू ,सोमन तुमरेकी ,रामेश्वर साहू ,सूरज उइके ,जसवंत कुमार साहू उपस्थित थे।

वीरेन्द्र भारद्वाज

चीफ़ एडिटर, भास्कर न्यूज़ 24

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